प्रधानमंत्री सोलर पंप योजना:

इस योजना के तहत पारंपरिक बिजली और डीजल से चलने वाले पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित पंपों में बदला जाएगा। सोलर पैनलों से उत्पन्न होने वाली बिजली का प्राथमिक उपयोग सिंचाई कार्यों में किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यदि बिजली की अधिकता होती है, तो किसान इसे वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं, जिससे उन्हें आगामी 25 वर्षों तक नियमित आय प्राप्त हो सकती है।

सौर ऊर्जा के उपयोग से न केवल बिजली और डीजल की लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी घटेगा। सोलर पैनल लगभग 25 वर्षों तक कार्यशील रहते हैं और इनका रखरखाव भी आसान होता है। इस प्रणाली की मदद से एक किसान प्रति वर्ष लगभग 1 लाख रुपये तक का लाभ कमा सकता है।

कुसुम सोलर योजना के अंतर्गत सरकार सोलर पंपों पर 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिसका वहन केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर करती हैं। देशभर के लाखों किसानों के सोलर पंपों को ग्रिड से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे अपनी आवश्यकता के अनुसार खेतों में बिजली का उपयोग कर सकते हैं और अधिशेष बिजली को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित कर सकते हैं।

कुसुम योजना की अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 पर संपर्क करें!

किसान कुसुम योजना के लिए आवेदन करें

महत्वपूर्ण दस्तावेज

कुसुम सोलर योजना या किसी भी कृषि-संबंधित सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है:

  1. आधार कार्ड – पहचान प्रमाण के रूप में अनिवार्य।

  2. भूमि स्वामित्व प्रमाण (खतौनी / भूमि रसीद) – यह प्रमाणित करने के लिए कि आवेदक के पास खेती योग्य भूमि है।

  3. बैंक खाता विवरण – लाभ राशि और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए।

  4. पासपोर्ट साइज फोटो – आवेदन पत्र में संलग्न करने के लिए।

  5. मोबाइल नंबर – संपर्क और अपडेट प्राप्त करने के लिए।

  6. जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) – यदि कोई आरक्षण लाभ लिया जा रहा हो।

  7. निवास प्रमाण पत्र – राज्य की योजनाओं के लिए आवश्यक हो सकता है।

  8. पैन कार्ड (यदि आवश्यक हो) – वित्तीय लेन-देन के लिए।

  9. लोड कनेक्शन या बिजली बिल (यदि ग्रिड से जोड़ना है) – बिजली से संबंधित जानकारी के लिए।

सोलर योजना आवेदन शुल्क

सोलर पम्प स्थापना हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं, जिसमें भारत शासन द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। इस योजनांतर्गत कृषक को सोलर पम्प का लाभ इस शर्त पर दिया जाएगा कि कृषक की कृषि भूमि के उस खसरे/बटांकित खसरे पर भविष्य में विद्युत पम्प लगाये जाने पर उसको विद्युत प्रदाय पर कोई अनुदान देय नहीं होगा। कृषक द्वारा स्वप्रमाणीकरण भी दिया जाएगा कि वर्तमान में कृषक के उस खसरे/बटांकित खसरे की भूमि पर विद्युत पम्प संचालित/ संयोजित नहीं है। यदि सम्बन्धित कृषक उक्त विद्युत पम्प का कनेक्शन विच्छेद करवा लेता है अथवा उस पर प्राप्त अनुदान छोड़ देता है, तब उसे सोलर पम्प स्थापना पर अनुदान दिया जा सकता है।

इस योजना के अंतर्गत आवेदक को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन करने के लिए ₹5000 प्रति मेगावाट तथा जीएसटी की दर से आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। यह भुगतान प्रबंध निर्देशक राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के नाम से डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा। आवेदन करने के लिए 0.5 मेगावाट से लेकर 2 मेगावाट तक के लिए आवेदन शुल्क कुछ इस प्रकार है।

मेगा वाटआवेदन शुल्क
0.5 मेगावाट₹ 2500+ जीएसटी
1 मेगावाट₹5000 + जीएसटी
1.5 मेगावाट₹7500+ जीएसटी
2 मेगावाट₹10000+ जीएसटी